कभी बिलि के पत्ते से स्नान करो , कभी उबटन का स्नान करो..कभी गो-झरण का स्नान करो तो कभी दही लगा के स्नान करो… दही लगाके स्नान करने से लक्ष्मी प्राप्ति होती है ..ये सभी शरीर के लिए है….शरीर स्वस्थ रख के अंतरात्मा में आने के लिए ये सब है|
* आर्थिक परेशानी हो, तो सतत ७ शुक्रवार महा-लक्ष्मी के मन्दिर में धूप-दीप दान करें; अपना पुरुषार्थ भी करें, लाभ होगा |
* नूतन वर्ष के दिन (दीपावली के अगले दिन ), गाय के खुर की मिट्टी से, अथवा तुलसीजी की मिट्टी से तिलक करें, सुख-शान्ति में बरकत होगी |
* पूजा के स्थान पर मोर-पंख रखने से लक्ष्मी-प्राप्ति में मदद मिलती है |
* तुलसी के पौधे के आगे शाम को दिया जलाने से लक्ष्मी वृध्ही में मदद मिलती है; गुरुदेव ने यह भी कहा की लक्ष्मीजी को कभी तुलसीजी नहीं चढाई जाती, उनको कमल चढाया जाता है |
* दीपावली के दिन लौंग और इलाइची को जलाकर राख कर दें; उस से फिर गुरुदेव (की फोटो) को तिलक करें; लक्ष्मी-प्राप्ति में मदद मिलती है, बरकत होती है |
* दीपावली की संध्या को तुलसी जी के निकट दिया जलायें, लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने में मदद मिलती है; कार्तिक मास में तुलसीजी के आगे दिया जलाना पुण्य-दाई है, और प्रातः-काल के स्नान की भी बड़ी भारी महिमा है |
* ॐ कार मन्त्र का ६० दिन अनुष्ठान किया, सूर्य नारायण को सफेद गाय के ढूध से बनी खीर का भोग लगाया तो ७ जन्मो का दरिद्रता नष्ट हो जाती है |
* दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन करना, धन -संपत्ति रहे..लेकिन लक्ष्मी आए तो धन संपत्ति का उपयोग केवल भोग वासना से पाशवी जीवन में उड़ाने के लिए नही करे,अपने जीवन में संयम , सदाचार, परदुख कातरता हो , अपनी आवश्यकता पूर्ति हो , लोक कल्याण में तन, धन लगे, पुरुषार्थ एवं उद्योग से लक्ष्मी प्राप्त होती है, सत्कर्म और दान-पुण्य से बढ़ती है, तथा संयम से सावधानी से लक्ष्मी स्थायी होती है |
* भविष्योत्तर पुराण मे आता है कि , जेष्ठ ये लक्ष्मी की बहन है …लक्ष्मी जी शनिवार को बहन को मिलने आती है…. जेष्ट उर्फ दरिद्रता… इसलिए शनिवार को दूध आदि से पीपल के वृक्ष का पूजन, परिक्रमा करते है..तो पूजन करनेवाले जेष्ठ नहीं रहते श्रेष्ठ हो जाते है…. |हर शनिवार को दूध, पानी, काले तिल और फूल (गेन्दे के फूल) चूर के पीपल के मूल में ड़ाल दे और पीपल के 5/7 फेरेफिरे | इसलिए आश्रम मे शनिवार के दिन बहुत शधक पीपल-बादशाह की परिक्रमा करते है…पीपल वृक्ष पे बापूजी ने शक्तिपात भी किया है
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निरोगी व श्री सम्पन्न होने के लिये इस मन्त्र की एक माला रोज जप करें, तो आरोग्यता और सम्पदा आती हैं।
* अपने जीवन से विषाद को भगाने का पक्का इरादा करलो; और दरिद्रता भगानी हो तो फालतू खर्च न करो, व्याज भरकर गाडियाँ और मकान न बनाओ, और आय को बढाना हो, अथवा, बरकत लानी हो, तो एक मन्त्र बताता हूँ, ११ माला कुछ दिन तक जप करो, फिर 21बार जप करके पानी में देखो, और, बाँया नथुना चले, बाँया स्वर चले, दाँया नथुना बन्द करके वह पानी पी लिया करे|
ऐसे भी कोई पेय वस्तु दाँया नथुना चले तब पीते हैं, तो धातु कमज़ोर रहता है; अगर दाँया नथुना बंद करके बाँये नथुने से श्वास चलाकर पीते हैं, तो धातु मजबूत रहता है, तो ओज और बल बढ़ता है | मंत्र है -
ॐ अच्युताय नमः
Om Achyutaaya Namah
जिसका पद कभी च्युत नहीं होता, इन्द्र पद भी च्युत हो जाता है, ब्रह्माजी का पद भी च्युत हो जाता है, लेकिन फिर भी, जो च्युत नहीं होते, अपने स्वभाव से, अपने आप से, वह परमेश्वर अच्युत को हम नमस्कार करते हैं...अच्युतम केशवं राम नारायणं..."ॐ अच्युताय नमः - ११ माला जप करें कुछ दिन, फिर गुरूवार को २१ बार जप करे, और गुरूवार से गुरूवार तक ११ मालायें जप करे; २ गुरूवार करे, ४ गुरूवार करे, मतलब ४ सप्ताह, २ सप्ताह - "ॐ अच्युताय नमः, ॐ अच्युताय नमः..." - कुछ ही दिनों में यह मंत्र सिद्ध हो जायेगा, फिर, २१ बार जप करके वह पानी पिए |
* ७ जन्मों की दरिद्रता दूर करने के लिए --४ सप्ताह, १००० बार "ॐ" का जप करें और चावल और देशी गाय के दूध की खीर बनाकर सूर्यनारायण को भोग लगायें, इससे ७ जन्मों की दरिद्रता चली जाती है |
* इतवार को बिना नमक के भोजन करने को कहा गया है | ऐसा कुछ समय तक करने से दरिद्रता दूर होती है, इसमें शंका नही |
* घर में समृद्धि लाना चाहते हो तो जिस घर के पुरुष काम पर जाते हों तो घर की महिलाएँ, जब पुरुष काम पर जायें तब गीता के 11 वें अध्याय का 40 वां श्लोक 108 बार पढ़ें और भगवान से प्रार्थना करें कि मैंने ये जो पाठ किया है इसका पुण्य हमारे घर के अमुक-अमुक पुरुष को ( उनका नाम लेकर) दीजिये उन्हें कार्य खूब सफलता मिल ऐसी प्रार्थना करके अर्घ्य दें इससे घर के काम करने वाले व्यक्ति को बहुत सफलता मिलेगी यह कई लोगों का अनुभव है इस श्लोक की इतनी महिमा है और इतना सरल भी है |
* आर्थिक फायदा नहीं होता है तो दुकान पे जाने से पहले झंडु (गेंदे के फूल/मेरी गोल्ड) के फूल की कुछ पंखुड़ियाँ, हल्दी और चंदन में घिस करतिलक करें गुरुमंत्र का जप करें फिर दुकान पे जायें तो कोई ग्राहक खाली हाथ नहीं जायेगा, आर्थिक लाभ बढ़ेगा |गजेन्द्र मोक्ष का पाठ करके जायें, कर्जा है तो उतरजायेगा |
* Starting from the day of Diwali till the day of Bhai Dooj (for 3 days), light Dhoop, Deep & Agarbatti in a clean room early in the morning, wear yellow colored clothes, put the Tilak of Kesar (saffron) on the forehead, then do 2 mala of the following mantra on a mala with beeds of Sfatik.
om namah bhagyalakshmi cha vidmahe|
ashtalakshmi cha dheemahi | tanno lakshmi prachodayaat |
It is more beneficial to do japa by concentrating on the picture of Lakshmi, Guru or Ishtha (Tratak).
Deepawali is the birthday of Lakshmi ji. Lakshmi ji had appeared at the time of the Samudra-Manthan from the Kshir-Sagar. Therefore Lakshmi ji bestows her blessings to the person who does this sadhna with the desire that Laksmi stays in his/her home, poverty gets removed & one is able to earn daily bread & butter easily.
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